दोस्तो, मेरा नाम शिफा है. मैं हिमाचल की रहने वाली हूँ. मैं अभी 20 साल की हुई ही हूँ और मेरा फिगर किसी भाभी से काम नहीं है कोई की मै अपने फिगर की बहुत ध्यान रकती हूँ अब मै मेरे फिगर का साइज बताती हु 31-27-33 का मेरा फिगर है चाचा ने की जबरदस्त चुदाई।
मैं बहुत ज्यादा ही खूबसूरत हूँ।
मेरे उठे हुए बूब्स मोटे मोटी गांड हैं और मेरे उन दोनों मदभरे चूतड़ों के बीच मेरी गांड का छोटा सा कुंवारा छेद है.
मेरी हिलती हुई गांड को देख कर हर कोई मर्द मुझे देख कर मूठ मारने लगता है.
ऐसे में मेरे हरामी किस्म का चाचा मेरे पीछे क्यों रहता, वह भी मेरी जवानी के रस को चखने के लिए अपने लंड को खड़ा करने लगा था.
जब मेरी उम्र 20 साल की ताजी ताजी जवान हुई कली थी.
उसी वक्त से मेरे चाचा ने मुझे लाइन मारना शुरू कर दी थी.
वह मुझे छूने का बहाना ढूंढता … पर मुझे यह सब अच्छा नहीं लगता था.
एक दिन शाम को हम सब टीवी देख रहे थे.
तभी चाचा आकर मेरे पास बैठ गया और मेरी पैरो पर अपना हाथ रख कर पैरो को सहलाने लगा.
जब मैंने कुछ नहीं कहा.
तो उसकी हिम्मत बढ़ गई और वह अपने दूसरे हाथ से मेरे गोल मोल बूब्स को दबाने लगा.
मुझे ये सब अच्छा नहीं लगा तो मैं चाचा से बिना कुछ कहे ही वहां से चली आयी.
ऐसे ही चाचा मुझे टच करने की कोशिश करता रहता और मैं उससे बचती रहती.
चार महीने हो गए थे.
मैं चाचा से यह सब करने से मना करती, पर चाचा नहीं मानता था.
एक दिन पापा और मम्मी दवाई लेने के लिए डॉक्टर के पास गए थे.
उस वक्त मैं घर पर अकेली थी.
कुछ ही देर बाद मेरा हरामी चाचा भी घर पर आ गया xxx story in hindi.
जब उसको पता चला कि मैं अकेली हूँ, तो वह सीधा मेरे पास आ गया और मुझे किस करने लगा.
उस वक्त मैं मोबाइल में कुछ सेक्सीवीडियोस के सीन देख रही थी और मै गर्म थी.
चाचा ने मेरे बूब्स दबाए तो मैं भी उसे कुछ न कह पाई.
उस वक्त मुझे भी उसका ये सब करना अच्छा लगने लगा.
चाचा ने मेरी चूचिया दबायी sex kahani hindi
वह मेरी छोटी छोटी चूचियों को मसलने लगा.
अब वह मेरे पीछे बैठ गया और अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों टिकोरे मींजने लगा.
उस समय चाचा का बड़ा सा लंड मेरी गांड से रगड़ खा रहा था.
तभी चाचा अपने एक हाथ से मेरी चुत मै डालकर चुत को रगड़ने लगा था।
अब मेरी चुत से पानी छूटने लगा और चाचा का हाथ लगते ही मेरी चुत पूरी पानी से भर गई.
चाचा ने मेरी चुत की नमी को महसूस किया तो उसने मेरी सलवार का नाड़ा खोल दिया.
मैं उठ कर खड़ी हुई तो सलवार नीचे गिर गई और चाचा ने उसी समय मुझे खींच कर अपने सामने पलटा लिया.
उसने बिजली की रफ्तार से मेरी चड्डी को भी खींच कर नीचे कर दिया.
उसके हाथ से चड्डी खिंची तो मैं उसके सामने नंगी हो गयी.
चाचा मेरी चिकनी सी लाल गुलाबी चूत को देखकर पागल हो गया और चूत को चाटने लगा.
मैं चुत चटवाने को मस्त होने लगी और चाचा के सर को अपनी चुत पर दबाने लगी.
अभी मजा आना शुरू ही हुआ था कि बाहर से पापा की गाड़ी के रुकने की आवाज आई.
मैंने जल्दी से चड्डी और सलवार को ऊपर चढ़ा लिया और खुद को सही करने लगी.
चाचा मान नहीं रहा था तो मैंने जैसे-तैसे उसको समझाया और खाना बनाने किचन में काम करने लगी.
तब चाचा मोबाइल देखने का बहाना करने लगा.
मम्मी पापा घर में आ गए.
मम्मी ने मुझे देखा तो वे भी किचन में आकर खाना बनाने में मेरी मदद करने लगीं family sex kahani.
सब कुछ सामान्य हो गया था.
फिर शाम को खाना खाकर सब लेट गए और सोने लगे.
रात के करीब दो बजे चाचा मेरे पास आकर मेरे साथ मजे करने लगा.
मैं बहुत ही ज्यादा डर गई थी कि मम्मी को पता ना लग जाए कि चाचा मेरे पास है.
मुझे यह भी डर था कि कहीं चाचा आज मेरी चूत को फाड़ न दे.
मैंने चाचा के कुछ करने से पहले ही मम्मी को आवाज लगा दी.
चाचा जल्दी से मेरे पास से चला गया.
तभी मम्मी ने कहा- क्या हुआ?
मैंने मम्मी को चाचा के बारे में नहीं बताया.
मैंने कहा- कुछ नहीं छिपकली थी।
कुछ देर बाद मैंने देखा कि चाचा सो गया, तो मैं भी सो गई.
अगले दिन चाचा ने कहा- तूने मम्मी को आवाज क्यों लगाई थी?
मैंने कहा कि बस मेरा मन नहीं था तो आवाज लगा दी थी. अब यदि आप मेरे पास आए तो मैं मम्मी को सब बता दूँगी.
चाचा समझ गया कि लड़की के पांख निकल आए हैं और अब इसे सैट करना मुश्किल का काम है.
मैं चाचा से दूर रहने लगी और उससे तीन हफ्ते तक कुछ नहीं बोली.
चाचा भी शांत रहा.
फिर एक दिन मम्मी पापा, नानी के घर चले गए.
चाचा भी उनके साथ गया था. पर चाचा जल्द वापस आ गया.
मेरे मम्मी पापा वहीं रुक गए थे.
मम्मी ने चाचा से बोला था कि रात को शिफा के पास लेट जाना, उसे अकेले सोने में डर लगता है.
चाचा की तो ख़ुशी का ठिकाना नहीं था।
चाचा रात में वापस आ गया.
सर्दी के दिन थे तो जल्दी अंधेरा हो जाता था.
मैंने चाचा को खाना दिया और उसका बिस्तर अपने ही कमरे में डबल बेड के पास चारपाई पर लगा दिया.
चाचा कुछ देर तो अपने बिस्तर पर लेटा रहा, बाद में अपना कम्बल लेकर मेरे पास बिस्तर पर आ गया.
मैं आराम से सो रही थी.
जब उसने मेरे पास आकर मुझे टच किया, तो मैं जग गई और उसे देख कर मैं एकदम से डर गई.
मैंने चाचा से मना किया, वह फिर भी नहीं माना और मुझे किस करने लगा.
थोड़ी देर मना करने के बाद मैं भी चाचा का साथ देने लगी.
फिर चाचा ने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरी चूचियों को जोर जोर से दबाने लगा.
मेरे मुँह से बस ‘उह आह उई मम्मी मर गई’ की आवाज निकल रही थी.
चाचा ने अपनी दो उंगलियां मेरी चूत में एकदम से डाल दीं तो मेरी चीख निकल गई- आई मम्मी मर गई!
मैंने चाचा से कहा- आज मेरी चूत को फाड़ दोगे क्या?
चाचा हंस दिया और धीरे धीरे मेरी चूत में उंगली करने लगा.
अब मेरे अन्दर करंट दौड़ने लगा था और मुझे मजा आने लगा था.
मैंने चाचा से कहा- बस उंगली ही करोगे या अपना लंड भी मेरी चूत में डालोगे desi hindi sex kahani?
चाचा ने मेरी चुत चौदी chacha ne seal todi
अब चाचा ने भी अपना लंड मेरी चूत की तरफ कर दिया.
मैंने कहा- आप खुद ही पेलो.
चाचा ने अपना लंड मेरी चूत पर रखा और धीरे से धक्का दे दिया.
चाचा का बड़ा सा लंड मेरी छोटी सी चूत को फाड़ता हुए थोड़ा अन्दर चला गया मेरी आवज़े निकलने लगी थी।
पर मुझे मजा बहुत आ रहा था।
मैंने चाचा से मना किया- अब मत करो और अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकालो. मुझे बहुत जोर का दर्द हो रहा है.
पर अब चाचा ने मेरी एक न सुनी और जोर जोर से धक्का देने लगे अपने लंड को।
तभी चाचा ने एक जोर का धक्का दिया और उसका मूसल लंड मेरी चिकनी सी चूत को फाड़ता हुआ मेरी चूत में पूरा अन्दर तक घुसता चला गया.
मैं दर्द से बेचैन होकर तड़फ उठी.
मेरी आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी- चाचा मर गई … आह चाचा छोड़ दो … रहने दो अब मत करो!
मगर चाचा अपने लंड को और जोर जोर से मेरी चुत में अन्दर बाहर करने में लग गया.
कुछ ही देर में चाचा ने मेरी चूत का भोसड़ा बना दिया.
अब उसके लंड से मुझे आराम मिलने लगी थी और मेरी चीखों की आवाजें मस्ती भरी कराहों में बदल गई थीं- उह आह उह चाचा … मस्त मजा आ रहा है. आह आह उह आह!
मैं भी उसका साथ देने लगी थी और अपनी गांड उठा उठा कर उसके लंड को अपनी चूत के अन्दर लेने लगी.
चाचा भी जोर जोर से मुझे चोदने लगे.
मैं भी गांड घुमा घुमा कर चाचा के लंड को अपनी चूत के अन्दर लेने लगी.
फिर मैं झड़ गई और सच बताऊं तो अब तक मैं 4 बार झड़ चुकी थी.
चाचा ने लगातार 30 मिनट तक मुझे चोदा और अब चाचा भी झड़ने वाला था.
उसने अपना लंड मेरी चूत से निकाल लिया और मेरे मुँह में डाल दिया.
थोड़ी देर बाद चाचा भी मेरे मुँह में ही झड़ गया.
चाचा के लंड से निकला सारा वीर्य मैं पी गई.
मुझे अपने हरामी चाचा का वीर्य बहुत अच्छा लगा.
उसके बाद चाचा ने मुझे कुतिया बनाकर, घोड़ी बनाकर चोदा, खड़ा करके पेला, मुझे बैठा कर, जमीन पर लेटा कर, उल्टा करके हर तरीके से चाचा ने मुझे पूरी रात चोदा.
सुबह जब मैं उठी, तो मेरी दोनों चूचियां लाल हो चुकी थीं.
मेरी चूत में सूजन आ गई थी.
हम दोनों ऐसे सोए कि सीधे सुबह 9 बजे उठे थे.
उसके बाद चाचा को जब भी मौका मिलता था, वह मेरी खूब चुदाई करता था.
मैं भी उससे चुदवाने का मौका देखती थी.
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और मुझे बहुत खुशी हो रही थी कि मेरे सगे चाचा ने मुझे हर तरह से संतुष्ट किया.
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